हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मरजा-ए-तकलीद आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शीराज़ी ने एक बयान में हालिया इस्राइली अपराधों और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता रहबर-ए-मोअज़्ज़म के खिलाफ अभद्रता पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नकली और अतिक्रमणकारी ज़ायोनी सरकार अपनी कमज़ोर और शर्मनाक स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता तलाश कर रही है।
उन्होंने कहा,यह नकली और बेबुनियाद सरकार, जिसके नेता गंभीर रूप से अक्षम हैं, इस्लामी मुजाहिदीन और 'सिपाह-ए-इस्लाम' की सफलताओं से हैरान होकर वर्तमान हालात से भागने की कोशिश कर रही है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शीराज़ी ने कहा कि इस्राइल अमेरिका जैसी भौतिकवादी और खोखली ताकतों पर भरोसा करते हुए, कुछ यूरोपीय सरकारों और क्षेत्र की कुछ विचलित सरकारों की मदद से अपने संकट से निकलने की नाकाम कोशिश कर रहा है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा,इस सरकार ने इतनी मूर्खता और बेवकूफी की है कि उसने इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता को धमकियाँ देने तक की हद पार कर दी, जबकि यह उनकी हार, डर और घबराहट का स्पष्ट संकेत है।
अपने बयान के अंत में,मरजा-ए-तकलीद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ज़ायोनी सरकार का पतन निकट है और उसकी राजनीतिक व सैन्य नींव दिन-ब-दिन कमज़ोर हो रही है।
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